महसूस होता है जमाने ने ,
महसूस होता है जमाने ने ,
अपने गिरेबान में झांकना छोड़ दिया है ।
तभी तो जग में शिकायतों के शोर जायदा,
और आत्म ग्लानि की खामोशी कहीं गुम सी हो गई है ।
महसूस होता है जमाने ने ,
अपने गिरेबान में झांकना छोड़ दिया है ।
तभी तो जग में शिकायतों के शोर जायदा,
और आत्म ग्लानि की खामोशी कहीं गुम सी हो गई है ।