Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2021 · 2 min read

महर्षि संतसेवी

भारत के बिहार, झारखंड, पूर्वांचल, प. बंगाल के पश्चिमी क्षेत्र और नेपाल, भूटान, जापान तक फैले संतमत सत्संगियों के आदर्श सद्गुरुदेव ब्रह्मलीन महर्षि मेंहीं परमहंस के उत्तराधिकारी महर्षि संतसेवी जी का जन्म 20 दिसम्बर 1920 को बिहार के मधेपुरा जिला के गम्हरिया में कायस्थकुल में जन्म लिए ‘महावीर लाल’ ही महर्षि मेंहीं के सान्निध्य में ‘संतसेवी’ हो गए । सद्गुरुदेव के अविवाहित रहने पर वे भी एतदर्थ संन्यासी और आजन्म ब्रह्मचारी रहे, किन्तु महर्षि मेंहीं के कहने पर कटिहार जिले के मनिहारी और नवाबगंज में बच्चों को पढ़ाने लगे। वर्ष 1930-31 में महर्षि मेंहीं द्वारा स्थापित पहला संतमत सत्संग मंदिर नवाबगंज में बना और फिर मनिहारी गंगातट पर साधना कुटी बना, जहाँ स्वामी संतसेवी अंतेवासीरूपेण रहने लगे, यहीं कई आध्यात्मिक ग्रंथों का प्रणयन भी किया ।

‘योग महात्म्य’ नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना यहीं की गई थी। विदित है, उनके आध्यात्मिक गुरु महर्षि मेंहीं रचित ‘सत्संग योग’ एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो चार भागों में है। ध्यातव्य है, ‘योग महात्म्य’ और ‘सत्संग योग’ ग्रंथ को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी सराहे हैं। ‘महर्षि संतसेवी हीरक-जयंती अभिनंदन ग्रंथ’ में भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी के शुभकामना-पत्र भी प्रकाशित है, तब वाजपेयी जी लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे।

स्वामी संतसेवी को ‘महर्षि’ विभूषण सनातन हिन्दू धर्म के एक शंकराचार्य ने प्रदान किया था । देश के राष्ट्रपति रहे डॉ. शंकर दयाल शर्मा महर्षि संतसेवी के विचारों से प्रभावित रहे हैं । भारत रत्न श्री वाजपेयी सहित श्री चंद्रशेखर, श्री नरेन्द्र मोदी से लेकर बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, आईएएस, आईपीएस, अभिनेता, अभिनेत्री, खिलाड़ी इत्यादि महर्षि मेंहीं और महर्षि संतसेवी के विचारों से प्रभावित रहे हैं।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 2 Comments · 540 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हीर मात्रिक छंद
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
पागल तो मैं ही हूँ
पागल तो मैं ही हूँ
gurudeenverma198
देह खड़ी है
देह खड़ी है
Dr. Sunita Singh
मैं आग लगाने आया हूं
मैं आग लगाने आया हूं
Shekhar Chandra Mitra
■ चुनावी साल, संक्रमण काल।
■ चुनावी साल, संक्रमण काल।
*Author प्रणय प्रभात*
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
*कड़वाहट केवल ज़ुबान का स्वाद ही नहीं बिगाड़ती है..... यह आव
Seema Verma
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
जीवन में ईनाम नहीं स्थान बड़ा है नहीं तो वैसे नोबेल , रैमेन
Rj Anand Prajapati
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
मन की गांठ
मन की गांठ
Sangeeta Beniwal
मेरी बेटी
मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
2273.
2273.
Dr.Khedu Bharti
शिक्षा
शिक्षा
Neeraj Agarwal
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
पदोन्नति
पदोन्नति
Dr. Kishan tandon kranti
"When the storms of life come crashing down, we cannot contr
Manisha Manjari
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
बैठकर अब कोई आपकी कहानियाँ नहीं सुनेगा
DrLakshman Jha Parimal
सत्संग संध्या इवेंट
सत्संग संध्या इवेंट
पूर्वार्थ
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
Umender kumar
है शारदे मां
है शारदे मां
नेताम आर सी
जिस बस्ती मेंआग लगी है
जिस बस्ती मेंआग लगी है
Mahendra Narayan
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
Rituraj shivem verma
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
जहां पर जन्म पाया है वो मां के गोद जैसा है।
सत्य कुमार प्रेमी
*यात्रा पर लंबी चले, थे सब काले बाल (कुंडलिया)*
*यात्रा पर लंबी चले, थे सब काले बाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुछ पंक्तियाँ
कुछ पंक्तियाँ
आकांक्षा राय
जितनी मेहनत
जितनी मेहनत
Shweta Soni
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
उल्लास
उल्लास
Pt. Brajesh Kumar Nayak
अभी दिल भरा नही
अभी दिल भरा नही
Ram Krishan Rastogi
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
कवि एवं वासंतिक ऋतु छवि / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...