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30 May 2021 · 1 min read

महबूब के आंसू

मेरे महबूब के खूबसूरत चेहरे से बहते आंसू।
फलक से गीरिं शबनम की बूंदे लग रहे थे ये आंसू।
गुस्ताखी दीवाने ने की तो निकले उनके ये आंसू।
कहीं न कहीं माशूक को एहसास दिला गए ये आंसू।
उल्फत की शमा रोशन है दीवाने के लिए बतला गए ये आंसू।
दिल भी पसीजा हमारा जब नूरे चश्म से गिरे उनके ये आंसू।
वादा है आशिक का जाया नहीं होंगे मोती जैसे कीमती आंसू।
जिंदगी फना भले हो जाए हमारी न आने देंगे उनके ये आंसू।

“समीर”

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 218 Views
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