महक
जीवन में रख प्यारे,ईमान की महक,
ताकि दूर तलक जाएं, निज नाम की चहक।
बातों में आकर गैर की, पथ से न बहक,
शुकून हो हृदय में,दिल में न दहक।
न छीनों कभी भी, दूजो का है जो हक ,
अरमान हो ऊंचे, आसमां छूने को ललक।
चरित्र और चित्र का,सुनहरा हो फलक,
महके यश की खुश्बू,तुम्हारी दूर तलक।
रामनारायण कौरव