महकती यादें
ये दौलत ये शौहरत
सब फिजूल लगती हैं
दिल को सुकून देती हैं बस
महकती यादें
भूख को भूल जाते हैं
प्यास को भूल जाते हैं
बन कर जुनून रहती हैं बस
महकती यादें
सूरज बादलों में छुपे
चाँद की छवि ना दिखे
तारों सी टिमटिमाती हैं बस
महकती यादें
इनसे मन ऊबता नहीं
किसका दिल डूबता नहीं
हर किसी को भाती हैं बस
महकती यादें
‘V9द’ यौवन खो जाए
मगर बचपन लौट आए
बुढ़ापे में सब सताती हैं बस
महकती यादें
स्वरचित
V9द चौहान