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19 Sep 2024 · 1 min read

महकती यादें

ये दौलत ये शौहरत
सब फिजूल लगती हैं
दिल को सुकून देती हैं बस
महकती यादें

भूख को भूल जाते हैं
प्यास को भूल जाते हैं
बन कर जुनून रहती हैं बस
महकती यादें

सूरज बादलों में छुपे
चाँद की छवि ना दिखे
तारों सी टिमटिमाती हैं बस
महकती यादें

इनसे मन ऊबता नहीं
किसका दिल डूबता नहीं
हर किसी को भाती हैं बस
महकती यादें

‘V9द’ यौवन खो जाए
मगर बचपन लौट आए
बुढ़ापे में सब सताती हैं बस
महकती यादें

स्वरचित
V9द चौहान

1 Like · 10 Views
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