महकती गजल / गीत
रात के दहलीज पर इंतजार किसका है,
सच-सच बता तुम्हारे दिल मे प्यार किसका है।
आज बदली – बदली सी लागे तू,
खिली गुलाब पंखुड़ी लागे तू,
झुमका, बिदियाँ, काजल, लाली,
ये सोलह श्रृंगार किसका है।
रात के दहलीज पर…….
दिल मे खुशियां बेशुमार समाई है,
आज खुश्बू अलग सी महकाई है।
लहराती जुल्फे काली नागन जैसी,
ये प्रहार आज किसका है।
रात के दहलीज पर…….
हथेलियों पर हिना सजाई है,
रंग प्रेम का उभार लाई है,
नज़र आया अटूट प्रेम तुम्हारा,
कलाइयों पर लिखा नाम किसका है।
रात के दहलीज पर…….
-Rishikant Rao Shikhare