Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2022 · 1 min read

महंगाई बढ़ गईल

जबसे हमरा साहेब पे
सधुआई चढ़ गईल
महंगाई बढ़ गईल
हो महंगाई बढ़ गईल….
(१)
पहिले रहे डाईन
अब भउजाई बन गईल
महंगाई बढ़ गईल
हो महंगाई बढ़ गईल…
(२)
एहि आदत से इनके
लुगाई तज गईल
महंगाई बढ़ गईल
हो महंगाई बढ़ गईल…
(३)
कवना सांचा में इनके
मूर्तिकार गढ़ गईल
महंगाई बढ़ गईल
हो महंगाई बढ़ गईल…
(४)
ई अपने करके गलती
दोसरा पे मढ़ गईल
महंगाई बढ़ गईल
हो महंगाई बढ़ गईल…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
128 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
किसी पत्थर की मूरत से आप प्यार करें, यह वाजिब है, मगर, किसी
Dr MusafiR BaithA
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
जगतजननी माँ दुर्गा
जगतजननी माँ दुर्गा
gurudeenverma198
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
जीवन मंथन
जीवन मंथन
Satya Prakash Sharma
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बेबाक ज़िन्दगी
बेबाक ज़िन्दगी
Neelam Sharma
3854.💐 *पूर्णिका* 💐
3854.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डिजिटल भारत
डिजिटल भारत
Satish Srijan
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
रुक्मिणी संदेश
रुक्मिणी संदेश
Rekha Drolia
कामवासना
कामवासना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
स्मृति : पंडित प्रकाश चंद्र जी
स्मृति : पंडित प्रकाश चंद्र जी
Ravi Prakash
कभी उलझन,
कभी उलझन,
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
" वतन "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
sushil sarna
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
कवि दीपक बवेजा
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
MEENU SHARMA
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
Phool gufran
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
बाल कविता: तितली रानी चली विद्यालय
Rajesh Kumar Arjun
होली के मजे अब कुछ खास नही
होली के मजे अब कुछ खास नही
Rituraj shivem verma
" स्त्री 2 से लौटेगी बॉक्स ऑफिस की रौनक़ " - रिपोर्ट
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
Nitesh Chauhan
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
" गम "
Dr. Kishan tandon kranti
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
पूर्वार्थ
बदलाव
बदलाव
Dr. Rajeev Jain
🙅आज का अनुभव🙅
🙅आज का अनुभव🙅
*प्रणय प्रभात*
Loading...