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2 Feb 2022 · 1 min read

महंगाई की मार ___घनाक्षरी

महंगाई की मार से हुआ बुरा हाल है।
साल दर साल यह बढ़ती ही जाए रे।।
घर नहीं चलता है पलता नही है पेट ।
रेट हाई-फाई रोज़ चढ़ती ही जाए रे।।
कहने सुनने को तो विकास बहुत हुआ।
गरीबी की गाड़ियां तो अड़ती ही जाए रे।।
दिन में तो खाया पिया मिलेगा क्या रात को भी।
लड़ाई लड़े भूख तो लड़ाई लड़ती ही जाए रे।।
राजेश व्यास अनुनय

1 Like · 332 Views
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