“ मस्त रहू “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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सबसँ बढ़ियाँ
चुपे रहू
ककरो किछु
नहि कथा कहू
मौन भेल
सब देखैत रहू
अपना मे
आहाँ मस्त रहू
ककरो नहि
आहाँ जानि सकैत छी
ककरो नहि
पहचानि सकैत छी
के केहन छथि
एहि युग मे
हुनका हम नहि
जानि सकैत छी
लिखता हम
त मैथिल छी
मैथिली हम नहि
बाजि सकैत छी
बच्चा सभक
सँग रहि केँ
गाम -घर हम
बिसरि गेल छी
नीक कथा
किया कहबनि हिनका
अपने सब
ब्रम्ह क ज्ञानी छथि
धरती परहक
नहि बात कहू
नव ग्रह सँ
उतरल प्राणी छथि !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखंड
भारत
04.05.2022.