मस्ती भरा दिन
मस्ती से भरा ये दिन हैं सुहाना।
आज ना फिकर ना कोई परवाह है।
लोगों की ना मानी हमने सलाह है।
मर्जी के मालिक तो हम आज हैं।
बंधन तो नहीं और ना ही कोई रोक हैं।
मन को बहलाने का बड़ा ही शौक है।
सुंदर गीत गुनगुनाने की हमे चाह हैं।
खुशी के कारण बनाने की आज चाह हैं।
सेवा का भाव जगाने की चाह हैं।
मेहनत का राह आज अपनाना हैं।
संगीत गाते ही रहे तो क्या मज़ा हैं।
उपहार का टोकरा सर पे उठाया है।
हरा भरा इस जहां को बनाना है।
पक्षियों की तरह उड़ने की चाह हैं।
सोचने समझने की शक्ति बढ़ाना है।
बेरंग ज़िंदगी को रंग से भर जाना है।
जीवन में निरंतरता तो भी बनाना है।
भूत की घटना को भूल जाना हैं।
सच्ची यारी क्या होती हैं वो दिखाना है।
गुरु का आशीर्वाद लें के जाना हैं।
मस्ती भरा ये दिन हैं सुहाना देखो।।