मस्ती के मौसम में आता, फागुन का त्योहार (हिंदी गजल/ गीतिका)
मस्ती के मौसम में आता, फागुन का त्योहार (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
मस्ती के मौसम में आता, फागुन का त्योहार
मिलना सबसे गले सिखाता, फागुन का त्यौहार
(2)
नीले पीले हरे बैंजनी, देखो फूल खिले हैं
इन्हें गगन में है बिखराता, फागुन का त्योहार
(3)
वायु गीत गाती है मधुरिम, पक्षी राग सुनाते
दिल में खुशियॉं भर-भर लाता, फागुन का त्योहार
(4)
भरी रंग से है यह दुनिया, आओ दो क्षण गा लें
मुस्कानों से भर-भर जाता, फागुन का त्योहार
(5)
बिना मोल आनंद मिलेगा, थोड़ा अंदर ढूँढ़ो
सबको यह ही राज बताता , फागुन का त्योहार
(6)
यों तो बारह माह वर्ष में, ऋतुएँ छह होती हैं
सबसे अलग मगर कहलाता, फागुन का त्योहार
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97615451