मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
और फिर फुर्सत मे तुम्हारी याद से फुर्सत नही मिलती…
विशाल बाबू ✍️✍️✍️
मसरुफियत में आती है बे-हद याद तुम्हारी
और फिर फुर्सत मे तुम्हारी याद से फुर्सत नही मिलती…
विशाल बाबू ✍️✍️✍️