मसखरा कहीं सो गया
जो आया है वह जाएगा,
कोई कुछ भी न कर पायेगा।
सुख के साधन चहे जितने हों,
चाहने वाले भी कितने हों।
रुतवा कितना हो भारी,
पर मौत से किसी की न यारी।
खुद को चिर निद्रा सुला गया,
राजू कितनों को रुला गया।
देखो मसखरा कहीं सो गया,
कोई कोना सुना हो गया।
जोकर इतना जो कर गया,
फलतः सबका दिल भर गया।
अब महफ़िल कौन सजायेगा,
कोई है जो अब न हंसाएगा।
श्मशान में वह सो जाएगा,
राजू तू बहुत याद आएगा।