मशका
कभी-कभार खुब मशका लगाती है जिंदगी
जो ना सोचा हो उन हालात लाती है जिंदगी
कभी कोई रास ना आए जो इसको गर तो
हंसी चेहरे को भी खूब ये रुलाती है जिंदगी
वो वक्त भी आए जीवन मे जब मौत मिले
सभी को हमेशा ही ये आजमाती है जिंदगी
समय कैसा भी हो सबके ही ये साथ रहती
महल मे ही नही झोपड़ी मे भी बंसती है जिंदगी
के बस ये कतरा कतरा ही कट रही है जिंदगी
उम्र के संग घटे जरुरतो मे सिमटी है जिंदगी