Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2023 · 1 min read

मवाद

धर्म जब तक
मंदिर की घंटियों में
मस्जिद की अजानों में
गुरूद्वारे के शब्द-कीर्तनों में
गूंजता रहे तो अच्छा है
मगर जब वो
उन्माद-जुनून बनकर
सड़कों पर उतर आता है
इंसानों का रक्त पीने लगता है
तो यह एक गंभीर समस्या है?

एक कोढ़ की भांति हर व्यवस्था और समाज को
निगल लिया है धार्मिक कट्टरता के अजगर ने ।

अब कुछ-कुछ दुर्गन्ध-सी उठने लगी है
दंगों की शिकार क्षत-विक्षत लाशों की तरह
सभी धर्म ग्रंथों के पन्नों से!

क्या यही सब वर्णित है
सदियों पुराने इन रीतिरिवाजों में?
रुढियों-किद्वान्तियों की पंखहीन परवाजों में?
ऋषि-मुनियों पैगम्बरों साधु-संतों द्वारा
उपलब्ध कराए इन धार्मिक खिलौनों को
टूटने से बचने की फिराक में
ताउम्र पंडित-मौलवियों की डुगडुगी पे
नाचते रहेंगे हम बन्दर- भालुओं से…!

क्या कोई ऐसा नहीं जो एक थप्पड़ मारकर
बंद करा दे इन रात-दिन
लाउडस्पीकर पर चीखते धर्म के
ठेकेदारों के शोर को?

जिन्हें सुनकर पक चुके हैं कान
और मवाद आने लगा है इक्कीसवीं सदी में!

Language: Hindi
1 Like · 150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
मेरी निजी जुबान है, हिन्दी ही दोस्तों
SHAMA PARVEEN
टूट जाते हैं
टूट जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
अलग अलग से बोल
अलग अलग से बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
मैं गीत हूं ग़ज़ल हो तुम न कोई भूल पाएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
*केवल पुस्तक को रट-रट कर, किसने प्रभु को पाया है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
भय -भाग-1
भय -भाग-1
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सावन में संदेश
सावन में संदेश
Er.Navaneet R Shandily
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
देश के रास्तों पर शूल
देश के रास्तों पर शूल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
रिटायमेंट (शब्द चित्र)
Suryakant Dwivedi
श्री गणेश वंदना
श्री गणेश वंदना
Kumud Srivastava
"आसमान पर छाए बादल ,
Neeraj kumar Soni
आंखों में तिरी जाना...
आंखों में तिरी जाना...
अरशद रसूल बदायूंनी
वीर-जवान
वीर-जवान
लक्ष्मी सिंह
तरक्की से तकलीफ
तरक्की से तकलीफ
शेखर सिंह
घर के अंदर, घर से बाहर जिनकी ठेकेदारी है।
घर के अंदर, घर से बाहर जिनकी ठेकेदारी है।
*प्रणय*
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
17. बेखबर
17. बेखबर
Rajeev Dutta
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
पूर्वार्थ
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
इशरत हिदायत ख़ान
कभी कभी जिंदगी
कभी कभी जिंदगी
Mamta Rani
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष,
Atul "Krishn"
शायर कोई और...
शायर कोई और...
के. के. राजीव
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
उसके पास से उठकर किसी कोने में जा बैठा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🌸 आशा का दीप 🌸
🌸 आशा का दीप 🌸
Mahima shukla
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
कठिन काम करने का भय हक़ीक़त से भी ज़्यादा भारी होता है,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...