“मलिक” का सलाम। “अनिता कुंडू” के नाम।
तेरे हौसले तेरे जज्बे नै मेरा दिल तै सै सलाम अनिता।
शब्द भी कम पड़ ज्या सै देखकै तेरा काम अनिता।
:-पर्वत की ये ऊंची चोटी तेरे आगै झुक ज्या सै।
आंधी तूफान सब मेरी लाडली तेरे आगै रुक ज्या सै।
चमकते सूरज की चमक भी तेरे आगै छुप ज्या सै।
आगे नै बढ़ते तेरे कदम ना किसे हाल मैं मुक ज्या सै।
अपने भारत देश का तनै यो कर दिया ऊंचा नाम अनिता।
तेरे जज्बे तेरे हौसले नै मेरा दिल तै सै सलाम अनिता।
:- वै पर्वत धन्य होज्या सै जिन पै पडज्या तेरे कदम लाडली।
सहरा मैं जै तू चाल पड़ै तै बण ज्यावै वो चमन लाडली।
नतमस्तक सै तेरे कर्मा आगै सारा यो अपना वतन लाडली।
किस लोहे तै बण रहया “कुंडू” यो तेरा बतादे बदन लाडली।
वो पैसा तो बना नही जो हो तेरे काम का दाम अनिता।
“सुषमा” की या कलम कररी इब तेरा ए बस ध्यान अनिता।
भूचाल नै भी कदमां नीचै कर देवे सै कती जाम अनिता।
तेरे हौसले तेरे जज्बे नै “मलिक” का सै सलाम अनिता।।
सुषमा मलिक, रोहतक