मर गया मानवता
अपना कर्म भूल गया तू,
किसके चक्कर में पड़के ।
माँ का कलेजा तेरे कारण,
आज बहुत ही धड़के ।।
यहाँ खुद भुखी, रहके भी जो,
बच्चों को खाना खिलाई ।
इस धरती पर, सच्चे मन से,
माँ वही कहलाई ।।
ऐसी माँ को तुमने आज,
किया है बहुत लाचार ।
मर गया क्या, तेरे अंदर से,
मानवता का विचार ।।
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 19/09/2020
समय – 11:36 (रात्रि)
संपर्क – 9065388391