मर्यादा…. एक चिंतन
मर्यादा वो लिबास है
जो आचरण पर पहने तो खास है,
मर्यादा वो पगड़ी हैं
जो आपकी तनी गर्दन पर जकड़ी है,
मर्यादा वो आन है
जो आपके व्यक्तित्व की शान है,
मर्यादा वो अदब है
जो खुद का खुद को सबब है,
मर्यादा वो रंग है
जो इसमें रंगें वही संग है,
मर्यादा वो संस्कार है
जो इसको सीखे वही साकार है,
मर्यादा वो रीत है
जो निभाये वही प्रीत है,
मर्यादा वो वंश है
जो चलाए वही अंश है,
मर्यादा वो धर्म है
जो निभाना ही कर्म है,
मर्यादा वो श्रृंगार है
जो प्रत्येक के लिए अनिवार्य है,
आवश्यक है…..
हर एक को मर्यादा में रहना
और अपनी सीमाओं को परखना,
उम्र से इसका कोई सरोकार नही
इसका उलंघन स्वीकार नही ।।।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 21 – 12 – 2017 )