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9 May 2018 · 1 min read

मर्द कोई न अब

मर्द कोई न अब यहा पाया
कर्ज माँ दूध का चुका पाया

जन्म दे पालने झुलाती माँ
पर न उसको कभी थका पाया

एक माँ ही उसे मिली ऐसी
गोद जिसके सदा नफा पाया

जब जहाँ ने उसे सताया है
हाथ माँ का सिरे रखा पाया

बावला जब कहा गया उसको
मात को ही सदा डटा पाया

Language: Hindi
75 Likes · 400 Views
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