Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2024 · 1 min read

मर्द की मोहब्बत औरत को हमेशा जवान रखती है जबकि मर्द से मिली

मर्द की मोहब्बत औरत को हमेशा जवान रखती है जबकि मर्द से मिली ना-कदरी नौउमरी में औरत को बदसूरत और बद- मिजाज़ बना देती है।

62 Views

You may also like these posts

*कविवर डॉ. महेश मधुकर (कुंडलिया)*
*कविवर डॉ. महेश मधुकर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कुर्बतों में  रफ़ाकत   थी, बहुत   तन्हाइयां थी।
कुर्बतों में रफ़ाकत थी, बहुत तन्हाइयां थी।
दीपक झा रुद्रा
पापा के वह शब्द..
पापा के वह शब्द..
Harminder Kaur
नव भारत निर्माण करो
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
Sahil Ahmad
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
बस तुम्हें मैं यें बताना चाहता हूं .....
Keshav kishor Kumar
" क़ैदी विचाराधीन हूँ "
Chunnu Lal Gupta
सुन मानसून ! सुन
सुन मानसून ! सुन
Ghanshyam Poddar
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
श्रंगार लिखा ना जाता है।
श्रंगार लिखा ना जाता है।
Abhishek Soni
यकीन
यकीन
Ruchika Rai
दुनिया के डर से
दुनिया के डर से
Surinder blackpen
फुटपाथ की ठंड
फुटपाथ की ठंड
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य का भविष्य
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य का भविष्य
Rambali Mishra
लोग क्या कहेंगे
लोग क्या कहेंगे
Mansi Kadam
"बकरी"
Dr. Kishan tandon kranti
Monday Morning!
Monday Morning!
R. H. SRIDEVI
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
पूर्वार्थ
तेरा बना दिया है मुझे
तेरा बना दिया है मुझे
gurudeenverma198
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत  का खौफ।
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत का खौफ।
Ashwini sharma
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
नाम बदलने का था शौक इतना कि गधे का नाम बब्बर शेर रख दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
Shashi kala vyas
.........?
.........?
शेखर सिंह
मधुमाश
मधुमाश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
#परिहास-
#परिहास-
*प्रणय*
बेकद्रों की सोहबत से
बेकद्रों की सोहबत से
Chitra Bisht
वक्त
वक्त
Jogendar singh
मस्तमौला
मस्तमौला
Sudhir srivastava
Loading...