मरहटा माधवी छन्द
मरहटा माधवी छन्दप्रथम प्रयास
11,8,10
चरणों में धर शीश, मुझे आशीष, दे मातु शारदा
दे दे मुझको ज्ञान, हो न अपमान, हे मातु ज्ञानदा
करदे बेड़ा पार, दुखों से तार, माँ हंसवाहिनी
दे दे खुशी अपार, सत्य का सार, मातु सौदामिनी
अभिनव मिश्र”अदम्य