Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2022 · 1 min read

मरने के बाद।

ज़िंदा में ना समझें आज मैय्यत पर आके रो रहे हो।
मरने के बाद मैं कैसे अच्छा हो गया जो कह रहें हो।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 232 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all

You may also like these posts

आप काम करते हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, आप काम करने वक्त कितन
आप काम करते हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, आप काम करने वक्त कितन
Ravikesh Jha
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद से ज्यादा अहमियत
खुद से ज्यादा अहमियत
Dr Manju Saini
सती अनुसुईया
सती अनुसुईया
Indu Singh
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है,
Manisha Manjari
प्राण- प्रतिष्ठा
प्राण- प्रतिष्ठा
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
जै हनुमान
जै हनुमान
Seema Garg
My dear  note book.
My dear note book.
Priya princess panwar
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
तू अपनी खूबियां ढूंढ ....कमियां निकालने के लिए लोग हैं |
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
Keshav kishor Kumar
*नीम का पेड़*
*नीम का पेड़*
Radhakishan R. Mundhra
4474.*पूर्णिका*
4474.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त काटना चाहो
वक्त काटना चाहो
Sonam Puneet Dubey
बेकरार
बेकरार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
दैनिक जीवन में सब का तू, कर सम्मान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रूठ मत जाना
रूठ मत जाना
surenderpal vaidya
ज़माने की नजर में बहुत
ज़माने की नजर में बहुत
शिव प्रताप लोधी
दोहावली
दोहावली
sushil sarna
“नया मुकाम”
“नया मुकाम”
DrLakshman Jha Parimal
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
मुखर-मौन
मुखर-मौन
Manju Singh
अछूत
अछूत
Lovi Mishra
रिश्ता रहा असत्य से
रिश्ता रहा असत्य से
RAMESH SHARMA
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
Kalamkash
ऐसी भी बरसात देखीं हैं
ऐसी भी बरसात देखीं हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
रंग ही रंगमंच के किरदार है
रंग ही रंगमंच के किरदार है
Neeraj Agarwal
भावना के कद्र नइखे
भावना के कद्र नइखे
आकाश महेशपुरी
Loading...