मयखाने में
बातें वातें खूब चलेंगी यादों के अफ़साने में।
बिछड़े यार पुराने जब बैठेंगें ठोर ठिकाने में।।
ढूँढो यार बहाना कोई पीने और पिलाने का।
राह तुम्हारी देख रहा मैं यादों के मयखाने में।।
सुधीर बमोला
ऋषिकेश
बातें वातें खूब चलेंगी यादों के अफ़साने में।
बिछड़े यार पुराने जब बैठेंगें ठोर ठिकाने में।।
ढूँढो यार बहाना कोई पीने और पिलाने का।
राह तुम्हारी देख रहा मैं यादों के मयखाने में।।
सुधीर बमोला
ऋषिकेश