मम्मी की मम्मा वो धरती है नानी
आज अपने बच्चो से क्यों डरती है नानी ?
शुबह शुबह काम क्यों करती है नानी ?
सीने से लगाकर अपने बच्चो को पाला ,
आज अपने घर में क्यों सरती है नानी ?
गुटनो में तेज दर्द हो रही आँख अंधी ,
किसी से कुछ क्यों नही कहती है नानी ?
मिला जब मै उससे ह़ाल ए दिल सुनाई ,
बुढ़ापे में क्यों जुल्म सहती है नानी ?
जोड़कर तिनका उसने गृहस्ती बसाई ,
डरी सहमी हुई सी क्यों रहती है नानी ?
बहू बेटे की बातो को हँस के वो टाले ,
पानी के जैसे क्यों बहती है नानी ?
लड़के नाती पोता से पूरा घर भरा है ,
माँ बूढ़ी कुएँ से क्यों भरती है पानी ?
यारो सबकुछ सहन कर समेटे हुए है ,
मम्मी की मम्मा वो धरती है नानी !!
प्रभु से कह रहा रो रोकर के जुगनू ,
चन्दन देसी घी से क्यों जलती है नानी ?