“मम्मी का संडे” (संक्षिप्त कहानी)
पापा टीचर ने सब बच्चों से पूछा, आप संडे कैसे बिताते हैं? आखिर सबका होलीडे होता है । फिर एक-एक करके सब लगे बताने, मम्मी के हाथ का स्पेशल खाना खाकर, मूवी देखकर, मेला घूमकर, पारिवारिक पिकनिक इत्यादि के साथ होलीडे खत्म ।
सोनु बेटा सबकी परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं । मेरा टुरिंग-जॉब, मम्मी को तुम्हारे साथ दीदी की परवरिश, दादा-दादी, नाना-नानी की देखभाल और ऊपर से नौकरी । समय ही कहां मिलता है, हफ्ते में एक दिन होलीडे वह तो आराम के लिए ही होता है न?
वही तो,बिल्कुल सही फरमाया आपने, फिर कहां गया मम्मी का संडे? पापा।