ममतामयी मां
ममतामयी मां ने ममता के कारण ,
दिया जन्म ममता को मरणावस्था में।
ममता जीवित रही किया ममता रूप धारण।
शनै-2 काल चक्कर चला, चेता मां ने ममता को,
संकट सह खुद किया बहाल ममता को ,
ममता बड़ी हुई जागी उमंग सो बीत।
पूर्व ममता दत्ता को छोड़ किया संकल्प,
स्वयं ममता धारण करू, बनूं सुख सरित।।
संसार रीति अपट अभागी ब्यान करें कौन,
देखत हालत ममता की ममता है मौन।
उपवन में डोलत भृंग करत गुजारत ,
ममता से दूर हर प्रेम सँग कली कलात।।
जाऊ कहां? निपट अभागा सुन ममतामयी मां,
दुःखों से दुखी हूं याद करता हूँ तुझे।
मुझे है ख्याल तेरा मैं तुम पर बलिहार,
करना माफ मुझे फसा निपट अंधियार।।
सतपाल चौहान