-मन!!!!
मन का मन बना एक घेरा है,
यादों ने मन पर डाला डेरा है,
कुछ अपनों की, कुछ सपनों की,
कुछ ख्यालों की, कुछ मीठे पलों की,
मन से ही सुख है,मन से ही दुख है,
मन से ही प्यार है,मन से ही ऐतबार है,
मन बांटें तो प्यार है,ना तो नफ़रत का भंडार है,
मन से ही एहसास की फैलती बयार हैं,
जुड़ती हूं, बिखरती हूं,मन के हारे हार है,
तो मन के जीते जीत है,बस यही….
जिंदगी की खूबसूरत रीत है।।
– सीमा गुप्ता, अलवर