Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2017 · 1 min read

मन

मन

आंख खोल जब वो मुस्काया
प्रथम परिचय बंदिश का पाया
जैसे जैसे सम्भला जीवन
खुद को तन पिंजरे में पाया

देखा चारो ओर ही बंदिश
समय चक्र बलशाली था
भोर की पहली किरन से लेकर
रजनी को बंदिश ने पाला था

कुछ उखड़ी सांसों को देखा
पल न लगा समझने में
मौत है इसकी सीमा रेखा
जीवन है इसकी बंदिश में

पर एक अजूबा तन में रहता
उत्श्रंखल सा मन है वो
उड़ता तोड़के बंदिश सबकी
अफ़सोस कि तन से ही है वो

जीवन जब तक है झांकेगा
लांघके खिड़की की सीमायें
पल दो पल स्वछंद उड़ेगा
अनुबंधो की तोड़ शाखायें

प्यार का पर्याय मन है पर
तिमिर भी कोने में जीता
पी लेता कड़वे घूंटो को
उनको अश्रू से धो लेता।

Language: Hindi
1 Like · 712 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आ रदीफ़ ## कुछ और है
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आ रदीफ़ ## कुछ और है
Neelam Sharma
घर संसार का बिखरना
घर संसार का बिखरना
Krishna Manshi
🙅एक शोध🙅
🙅एक शोध🙅
*प्रणय*
साथ समय के चलना सीखो...
साथ समय के चलना सीखो...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तुम
तुम
Sangeeta Beniwal
बच्चे और युवा ही किसी देश या राष्ट्र निर्माण के प्रथम स्त्रो
बच्चे और युवा ही किसी देश या राष्ट्र निर्माण के प्रथम स्त्रो
Rj Anand Prajapati
"" *सपनों की उड़ान* ""
सुनीलानंद महंत
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
ढूंढा तुम्हे दरबदर, मांगा मंदिर मस्जिद मजार में
Kumar lalit
काम क्रोध मद लोभ के,
काम क्रोध मद लोभ के,
sushil sarna
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
विटप बाँटते छाँव है,सूर्य बटोही धूप।
डॉक्टर रागिनी
"आपकी अदालत"
Dr. Kishan tandon kranti
आप देखो जो मुझे सीने  लगाओ  तभी
आप देखो जो मुझे सीने लगाओ तभी
दीपक झा रुद्रा
मेरी किस्मत
मेरी किस्मत
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
इंसान उसी वक़्त लगभग हार जाता है,
Ajit Kumar "Karn"
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
जोश,जूनून भरपूर है,
जोश,जूनून भरपूर है,
Vaishaligoel
कुदरत
कुदरत
Neeraj Agarwal
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
gurudeenverma198
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
हमें अपने जीवन को विशिष्ट रूप से देखना होगा तभी हम स्वयं के
Ravikesh Jha
कृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी
रुपेश कुमार
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस
जिसने शौक को दफ़्नाकर अपने आप से समझौता किया है। वह इंसान इस
Lokesh Sharma
सहज रिश्ता
सहज रिश्ता
Dr. Rajeev Jain
देश भक्ति
देश भक्ति
Santosh kumar Miri
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
हरे हैं ज़ख़्म सारे सब्र थोड़ा और कर ले दिल
Meenakshi Masoom
3930.💐 *पूर्णिका* 💐
3930.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
खून पसीने में हो कर तर बैठ गया
अरशद रसूल बदायूंनी
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...