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5 Feb 2021 · 1 min read

मन से बैराग, तन से अनुरागी

2122 + 1212 + 22 (221)
रोज़ करिये किसान भाई योग
आपको फिर लगे न कोई रोग

देख सेहत बनायें मोदी जी
श्रेष्ठतम देश सेवा का है जोग

मन से बैराग, तन से अनुरागी
कर्मयोगी यूँ करते सत्ता भोग

मृत्यु पर भी सहज है जो मानव
छू न पाए उसे तो कोई सोग

है खुदा से दुआ मेरी इतनी
राज योगी रहे यूँ खूब निरोग

4 Likes · 2 Comments · 412 Views
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
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