मन से जीत
✒️?जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया कीअजीब दस्तूर है इस जहाँ का जहाँ खुशनुमा यादों -पलों को पैनड्राइव में सहेज कर रखा जाता है और दर्द देने वाली,जख्मों को कुरेदने वाले पलों /यादों /बातों को दिल में और दिमाग में रखा जाता है .. ,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इतिहास गवाह है की राजे महाराजाओं के समय से -स्वतंत्रता संग्राम से -घर -परिवार -व्यापार और राजनीती या किसी भी क्षेत्र में अपनों द्वारा ही अपनों को लुटा गया है ,हमेशा विभीषण अपने ही रहे हैं,वर्ना गैरों को /बाहर वालों को कहाँ से सपना आएगा की हमारे दिल की दीवार में कहाँ से सेंध मारी जा सकती है और हमारा दिल कहाँ से कमज़ोर हैं…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी उस काम को करने से मिलती है जिसे लोग लोग कहते हैं की ये “तुम नहीं कर सकते”/तुम्हारे बस का नहीं है … जरुरत है अपने दर्द-गम-डर जो भी है हमारे अंदर हैं उस पर विजय पाने की …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की जीत और हार हमारी -आपकी सोच पर निर्भर करती है -मन से हार गए तो हार होगी और मन से जीत गए तो विजय सुनिश्चित है …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान