Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2024 · 1 min read

मन मौजी मन की करे,

मन मौजी मन की करे,
मन की माने बात ।
घायल मन के भेद तो,
मन को दें आघात ।।
सुशील सरना / 7-8-24

92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रिश्तों के
रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
आओ ऐसा दीप जलाएं...🪔
आओ ऐसा दीप जलाएं...🪔
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
Biography of Manish Mishra World Record Holder Journalist
Biography of Manish Mishra World Record Holder Journalist
World News
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
व्यंग्य आपको सिखलाएगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
करम के नांगर  ला भूत जोतय ।
करम के नांगर ला भूत जोतय ।
Lakhan Yadav
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
यें सारे तजुर्बे, तालीम अब किस काम का
Keshav kishor Kumar
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
कवि रमेशराज
मेरे मरने के बाद
मेरे मरने के बाद
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
इस दुनिया में जहाँ
इस दुनिया में जहाँ
gurudeenverma198
3695.💐 *पूर्णिका* 💐
3695.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
Ashwini sharma
*रामपुर की अनूठी रामलीला*
*रामपुर की अनूठी रामलीला*
Ravi Prakash
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
डी. के. निवातिया
संत गुरु नानक देव जी
संत गुरु नानक देव जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मोहब्बत
मोहब्बत
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
वो ख्वाबों ख्यालों में मिलने लगे हैं।
वो ख्वाबों ख्यालों में मिलने लगे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
पत्थर तोड़ती औरत!
पत्थर तोड़ती औरत!
कविता झा ‘गीत’
निशाना
निशाना
अखिलेश 'अखिल'
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
बाल कविता: मुन्नी की मटकी
Rajesh Kumar Arjun
"बयां"
Dr. Kishan tandon kranti
एक लड़का,
एक लड़का,
हिमांशु Kulshrestha
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
Ravikesh Jha
..
..
*प्रणय*
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
Neeraj Agarwal
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
देखिए अगर आज मंहगाई का ओलंपिक हो तो
शेखर सिंह
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
किसी का कचरा किसी का खजाना होता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Micro poem ...
Micro poem ...
sushil sarna
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
Manisha Manjari
फितरत दुनिया की...
फितरत दुनिया की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...