**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
**मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का**
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मन मोही मेरा मोहिनी मूरत का,
जादू सा छाया सोहिनी मूरत का।
तन में है जलता,आग का गोला सा,
दिल भी भरमाया मृगिनी मूरत का।
गजले , नगमें है गीत भी हैँ गाते,
गाना भी गाया रागिनी मूरत का।
फूलों सी महके बाग़ में हो कलियाँ,
मन है बहकाया योगिनी मूरत का।
मनसीरत सूरत है बहुत ही प्यारी,
चलता सरमाया संगिनी मूरत का।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)