Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2020 · 2 min read

*** ” मन मेरा क्यों उदास है….? ” ***

* हम सब पास-पास हैं ,
फिर क्यों…? मन मेरा इतना उदास है ।
चाँद और सूरज भी आस-पास है ,
जो अनंत किरणों के विन्यास हैं ।
सुरम्य शाम और मनोरम सवेरा है ,
फिर भी क्यों…? इतना अंधेरा है ।
हवाओं में मौज है , मस्ती है ;
और एक अद्भुत तरंग भरी उमंग है।
अनमोल प्रकृति की ,
अनुपम हरियाली भी मेरे संग है।
सुर है, साज है, सरगम भरी,
मधुर ,नई अंदाज है ;
सागर है , समंदर है , फिर क्यों..?
इतना प्यास है।
पल-पल हर पल ख़ास है,
हर क्षण कितना लाजवाब है ;
फिर भी, मन मेरा क्यों…?
इतना उदास है।

** माँ है…! , ममता वही ;
जनक है…! , जानकी वही ।
प्रकृति वही , संस्कृति वही ;
इंद्र-धनुश की सप्तरंग वही ,
राग में अंदाज वही।
फिर… मेरे मन में ,
क्यों…? उमंग नहीं।
हर एक मौसम में भी,
कितना खुश मिजाज़ है ;
फिर भी मन मेरा क्यों…?
इतना उदास है।

*** जो तथ्य में निहित है ,
वही सत्य के संग विहित है।
जो दृष्टि में है ,
वही प्रकृति की सृष्टि में है ।
हवाओं में भी ,
मौज की एक रवानी है ,
हर घटना की ,
एक अज़ब -गज़ब कहानी है।
फिर….मेरे मन में, क्यों…?
आस नहीं ;
जीवन जीने का , क्यों…?,
आज अंदाज नहीं।
अद्भुत रचनाओं से भरमार…
और आपार , यह संसार ;
जहाँ सब कुछ है, साकार ।
फिर…मेरे मन में भर पड़ा है, क्यों..?
इतना विकार।
प्रकृति में भी एक क्रम है ,
फिर मुझमें क्यों..? इतना भ्रम है ।
विधि है , विधाता है…! ;
निधि है , आपार समृद्धि भी है ;
फिर…क्यों…?
मेरे मन में इतनी विकृति है।
मेरा मन , मेरा तन ,
मेरी आत्मा , मेरे पास हैं ;
फिर क्यों …..?
मन मेरा इतना उदास है।

**** क्योंकि….!
” शायद मेरे मन में एक आत्म विश्वास नहीं । ”
” शायद कल्पना है , पर एक संकल्प नहीं । ”
” चित है , पर चिंतन नहीं । ”
” सोंच है , पर समझ नहीं । ”
” नवीनता है , पर नमन नहीं । ”
और
” शायद मेरे मन में , एक शुद्ध विचार नहीं। ”
” शायद मेरे मन में , एक शुद्ध विचार नहीं। ”

****************∆∆∆****************

बी पी पटेल
बिलासपुर ( छ. ग. )

Language: Hindi
4 Comments · 763 Views
Books from VEDANTA PATEL
View all

You may also like these posts

आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
आँखें बतलातीं सदा ,मन की सच्ची बात ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
बेफिक्र तेरे पहलू पे उतर आया हूं मैं, अब तेरी मर्जी....
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2656.*पूर्णिका*
2656.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार रश्मि
प्यार रश्मि
Rambali Mishra
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
🙅सन-डे इज फ़न-डे🙅
*प्रणय*
जीवन पथ पर सब का अधिकार
जीवन पथ पर सब का अधिकार
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
Lekh Raj Chauhan
"मुश्किलों से मुकाबला कर रहा हूँ ll
पूर्वार्थ
किसी के घर का चिराग़
किसी के घर का चिराग़
Sonam Puneet Dubey
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
रिश्ता तुझसे मेरा तभी टूटे,
Dr fauzia Naseem shad
सरसी छन्द
सरसी छन्द
Dr.Pratibha Prakash
नई रीत विदाई की
नई रीत विदाई की
विजय कुमार अग्रवाल
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Neha
*जिंदगी*
*जिंदगी*
नेताम आर सी
अपना सा नाइजीरिया
अपना सा नाइजीरिया
Shashi Mahajan
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
भोर में उगा हुआ
भोर में उगा हुआ
Varun Singh Gautam
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
Phool gufran
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
सत्य कुमार प्रेमी
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
लड़ने को तो होती नहीं लश्कर की ज़रूरत
अंसार एटवी
"विडम्बना"
Dr. Kishan tandon kranti
पत्नी होना भी आसान नहीं,
पत्नी होना भी आसान नहीं,
लक्ष्मी सिंह
जयचंद
जयचंद
ललकार भारद्वाज
माँ मेरी जान
माँ मेरी जान
डिजेन्द्र कुर्रे
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
Vishal Prajapati
जिन्हें रोज देखते थे
जिन्हें रोज देखते थे
Nitu Sah
आशा का दीप
आशा का दीप
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
प्रकट भये दीन दयाला
प्रकट भये दीन दयाला
Bodhisatva kastooriya
मोहब्बत एक अरसे से जो मैंने तुमसे की
मोहब्बत एक अरसे से जो मैंने तुमसे की
Ankita Patel
Loading...