Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jul 2024 · 1 min read

*मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी

मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को (राधेश्यामी छंद)
_________________________
मन में शुचिता लेकर पूजो, विद्या की देवी माता को
सबका जीवन कर शुद्ध रहीं, मॉं बुद्धि-ज्ञान की दाता को
हाथों में वीणा-पुस्तक ले, जो जन-जन का हित हैं करतीं
माता सरस्वती वर-दायक, सब कलुष और तम हैं हरतीं

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

72 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
आंखो में है नींद पर सोया नही जाता
आंखो में है नींद पर सोया नही जाता
Ram Krishan Rastogi
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
हम तो हैं प्रदेश में, क्या खबर हमको देश की
gurudeenverma198
*राममंदिर का भूमिपूजन*
*राममंदिर का भूमिपूजन*
Pallavi Mishra
"तोता"
Dr. Kishan tandon kranti
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
Phool gufran
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
मोहब्बत में मोहब्बत से नजर फेरा,
goutam shaw
कुछ गहरा सा
कुछ गहरा सा
Kanchan Advaita
ओ! महानगर
ओ! महानगर
Punam Pande
हरे काँच की चूड़ियाँ,
हरे काँच की चूड़ियाँ,
sushil sarna
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
हमें कहता है अन्तर्मन हमारा
Nazir Nazar
आने वाला कल
आने वाला कल
Kaviraag
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
काली छाया का रहस्य - कहानी
काली छाया का रहस्य - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम की अनुभूति
प्रेम की अनुभूति
Abhishek Rajhans
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
वैश्विक खतरे के बदलते स्वरूप में भारत की तैयारी
Sudhir srivastava
कहूँ तो कैसे कहूँ -
कहूँ तो कैसे कहूँ -
Dr Mukesh 'Aseemit'
प्रेम इवाद्त
प्रेम इवाद्त
sheema anmol
भारत भविष्य
भारत भविष्य
उमा झा
प्यारा मित्र
प्यारा मित्र
Rambali Mishra
रक्तदान पर कुंडलिया
रक्तदान पर कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
4763.*पूर्णिका*
4763.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*तानाशाहों को जब देखा, डरते अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/गीतिका】
*तानाशाहों को जब देखा, डरते अच्छा लगता है 【हिंदी गजल/गीतिका】
Ravi Prakash
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
मैं उसे अनायास याद आ जाऊंगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
राह दिखा दो मेरे भगवन
राह दिखा दो मेरे भगवन
Buddha Prakash
क्या करोगे..
क्या करोगे..
हिमांशु Kulshrestha
आज का नेता
आज का नेता
Shyam Sundar Subramanian
Loading...