Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2018 · 1 min read

मन में जब भी दूरी बढती, तो उसका परिणाम कलह है,

मन में जब भी दूरी बढती, तो उसका परिणाम कलह है,
तिरिस्कार जब भी मिलता है, उसकी कोई रही बजह है l
माना यह सबको समझोते, करना पड़ते हैं जीवन में,
इनसे जो ऊपर उठ जाता, उसकी अपनी स्वयम जगह है l

Language: Hindi
158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
Roy79 là cổng game bài đổi thưởng, casino online uy tín hàng
Roy79 là cổng game bài đổi thưởng, casino online uy tín hàng
roy79biz
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
*ज़िंदगी में बहुत गम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नव संवत्सर आया
नव संवत्सर आया
Seema gupta,Alwar
ज़िंदगी का दस्तूर
ज़िंदगी का दस्तूर
Shyam Sundar Subramanian
रमेशराज के विरोधरस के गीत
रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
देश भक्ति
देश भक्ति
Santosh kumar Miri
खुशनसीब
खुशनसीब
Bodhisatva kastooriya
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
यह जो तुम कानो मे खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
क्या मेरा यही कसूर है
क्या मेरा यही कसूर है
gurudeenverma198
लड़को यह जानने समझने के बाद बहुत आसानी होगी तुम्हे कि नदी हम
लड़को यह जानने समझने के बाद बहुत आसानी होगी तुम्हे कि नदी हम
पूर्वार्थ
4533.*पूर्णिका*
4533.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
दुनिया में कुछ भी बदलने के लिए हमें Magic की जरूरत नहीं है,
Sunil Maheshwari
"आस्था सकारात्मक ऊर्जा है जो हमारे कर्म को बल प्रदान करती है
Godambari Negi
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
"" *भारत माता* ""
सुनीलानंद महंत
मैं अशुद्ध बोलता हूं
मैं अशुद्ध बोलता हूं
Keshav kishor Kumar
मेरी अर्थी🌹
मेरी अर्थी🌹
Aisha Mohan
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
मुझे नहीं नभ छूने का अभिलाष।
Anil Mishra Prahari
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां)
Vijay kumar Pandey
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
Kanchan Khanna
दोहा त्रयी. . . शीत
दोहा त्रयी. . . शीत
sushil sarna
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■
■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■
*प्रणय*
Loading...