मन पंछी उड़ जाएगा
समय की बहती धारा,
समझ ले तू यारा,
राजा हो या रंक,
एक दिन होना बेरंग,
खुश होकर चल,
बीता जाए पल,
छोड़ दे सारे छल,
पथ होगा सरल,
मिट्टी की बनी काया,
क्यों? लाद रहा इतनी माया,
निकल गयी सारी उमर,
झुक गई तेरी कमर,
छूटा न जाये मोह,
कम न होती चाह,
तेरा है वो मेरा,
मेरा है वो भी मेरा,
तन जब रूठेगा,
कितना ही तू चाहेगा,
पछताना ही रहेगा,
मन पंछी उड़ जाएगा,
।।।जेपीएल।।।