मन के समुंदर में किनारे बहुत हैं
मन के समुंदर में
किनारे बहुत हैं
ठहरने को यहां
बहाने बहुत हैं!
खाली न होगा
कभी ये घरौंदा
इस घरोंदे के
चाहने वाले बहुत हैं!!
इस घरोदें का
दिलो दरिया बड़ा है
किन्तु इसे मिटाने
वाले बहुत हैं!
मन के समुंदर में
किनारे बहुत हैं
ठहरने को यहां
बहाने बहुत हैं!!
संतोष जोशी
गरुड़ बागेश्वर
उत्तराखंड