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31 Aug 2021 · 1 min read

मन के भरे प्यालों को

यह मन का प्याला
बार बार भरता है फिर
खाली हो जाता
बार बार
न जाने वह क्या है
जिससे यह भरता है और
खाली होता है पर
यह सिलसिला तो
न चाहते हुए भी
उम्र भर चलता है
जब दिल हल्का होता है तो
मुस्कुराता है
जब भारी होता है तो
रोता है
आंखों से नहीं
मन के भरे प्यारों को
खाली करता हुआ
रोता है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
1 Like · 380 Views
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