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30 May 2024 · 1 min read

मन के टुकड़े

टूटे हुए मन के टुकड़े
झड़ते जाते हैं
हर ठोकर पर
और जब उसे
समेट ना सके कोई
घटता जाता हैं मन
दुनियाँ के लिए ,,,,,

Language: Hindi
56 Views
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