Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2020 · 1 min read

मन के उद्गार (अनुज के लिए)

अनुज जिन्हें मैं मानता, मुक्त छंद सरताज।
सैनिक सेवक राष्ट्र के, करते दिल पर राज।।1।।

डी डी पाठक नाम है, साहित्यिक अनुराग।
शत्रु को दिखते जैसे, धधक रही हो आग।।2।।

अनुज बड़े ही खास है, सुंदर सद् व्यवहार।
रचते काव्य महान ये, निर्मल सुघर विचार।।3।।

मितभाषी अरु जन प्रिये, रक्षक राष्ट्र महान।
दतिया मध्यप्रदेश है, इनका जन्मस्थान।।4।।

विश्वनाथ से याचना, करता मैं अविराम।
जीवन प्रियवर अनुज का, नित्य बने अभिराम।।5।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
4 Likes · 299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
सत्य कुमार प्रेमी
2991.*पूर्णिका*
2991.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिद बापू की
जिद बापू की
Ghanshyam Poddar
जब हम छोटे से बच्चे थे।
जब हम छोटे से बच्चे थे।
लक्ष्मी सिंह
सादापन
सादापन
NAVNEET SINGH
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Rahul Singh
शिवाजी
शिवाजी
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मातृभाषा💓
मातृभाषा💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
तुम्हे चिढ़ाए मित्र
RAMESH SHARMA
" मसला "
Dr. Kishan tandon kranti
■
■ "टेगासुर" के कज़न्स। 😊😊
*प्रणय*
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
Ajit Kumar "Karn"
ईद
ईद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हर जमीं का आसमां होता है।
हर जमीं का आसमां होता है।
Taj Mohammad
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
अच्छाई बाहर नहीं अन्दर ढूंढो, सुन्दरता कपड़ों में नहीं व्यवह
Lokesh Sharma
सगीर गजल
सगीर गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
त्रिपदा
त्रिपदा
Rambali Mishra
देखिए प्रेम रह जाता है
देखिए प्रेम रह जाता है
शेखर सिंह
रिश्ता कमज़ोर
रिश्ता कमज़ोर
Dr fauzia Naseem shad
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
जो दिल दरिया था उसे पत्थर कर लिया।
Neelam Sharma
शिव भजन
शिव भजन
अभिनव अदम्य
"हमने पाई है आजादी प्राणों की आहुति देकर"
राकेश चौरसिया
दो अक्टूबर का दिन
दो अक्टूबर का दिन
डॉ. शिव लहरी
कुदरत के रंग....एक सच
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Agarwal
#आस
#आस
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
वक़्त का सबक़
वक़्त का सबक़
Shekhar Chandra Mitra
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
goutam shaw
आज़ादी
आज़ादी
विजय कुमार नामदेव
Loading...