मन की उड़ान
अभी तो चलना शुरु किया है,
जहन मे ढलना शुरू किया है।
मन तो है,आसमां तक जाउ,
छुकर गगन, धरा पर आऊ।
नभचर बन मैं, थिरकू गगन मे,
ख्वाहिश हैं ये,चंंचल चित्तमन मे।
हाल ए दिल ,मै तुमको सुनाउ,
लिखते लिखते…..कलम बन जाउ।।।
“रेखा” (Line_Lotus)
अभी तो चलना शुरु किया है,
जहन मे ढलना शुरू किया है।
मन तो है,आसमां तक जाउ,
छुकर गगन, धरा पर आऊ।
नभचर बन मैं, थिरकू गगन मे,
ख्वाहिश हैं ये,चंंचल चित्तमन मे।
हाल ए दिल ,मै तुमको सुनाउ,
लिखते लिखते…..कलम बन जाउ।।।
“रेखा” (Line_Lotus)