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7 Aug 2023 · 1 min read

मन की रेल पटरी से उतर जाती है

यह एक समस्या तो है
एक दुविधा तो है
एक उलझन तो है पर
सुलझी हुई
इस एक का न होना फिर
कितनी जटिलतायें उत्पन्न करेगा
जीवन में
इस बात का अनुमान नहीं है
मेरे मन को अभी ठीक प्रकार से
जो भी इस पल में मौजूद है
वह आवश्यक तो है पर
बदशक्ल है
कही यह खूबसूरत होता तो
फिर कहने क्या थे
सोने पर सुहागा होता
जीने का एक अलग
अंदाज, रुतबा और
मजा होता
लेकिन छोड़ो
जैसा है उसे वैसे ही चलने दो
मन की रेल पटरी से उतर जाती है
कितनी बार न चाहने पर भी लेकिन
फिर खुद ही हिम्मत करके
इसे पटरी पर वापस लाओ और
जब तक न रुके
इसे एक तेज बांके सजीले घोड़े सा सरपट दौड़ाओ।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
407 Views
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