मन की माया
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक @ अरुण अतृप्त
मन की माया
समझियो
तन को धरियो
ध्यान ।।
वरना मिथ्या
जगत मा
कैसो कैसो ज्ञान
कैसो कैसो ज्ञान।।
समझ मा कछु
आवै भइया
तो मौसे मूढ़
मति को भी
थोडो सो
दे दीजो रे दान
दे दीजो रे दान ।।
मन की माया
समझियो
तन को धरियो
ध्यान ।।
कर्ता धर्ता जगत के
कभी
सामने न आयेंगें
औघड़ मौला पढ़े लिखे
कुछ का कुछ समझाएँगे
जादू करेंगे टोना करेंगे
खुद को तो वे
संसार का परमात्मा ही
बतलायेंगे
तुम तो फँस जाना नहीं
इनके माया जाल
मन की माया
समझियो
तन को धरियो
ध्यान ।।