मन की महक (गुलशन ऋषि यादव)
उसके पीछे जाना छोड़ दिया मैंने
वह मिलती नहीं मुझे रास्तों पर
समय बर्बाद कर दिया मैंने
वह दिखती नहीं उन रास्तों पर
गुलशन ऋषि यादव
Gulshan Rishi yadav
उसके पीछे जाना छोड़ दिया मैंने
वह मिलती नहीं मुझे रास्तों पर
समय बर्बाद कर दिया मैंने
वह दिखती नहीं उन रास्तों पर
गुलशन ऋषि यादव
Gulshan Rishi yadav