मन की प्रार्थना
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी,पायें लक्ष्य महान
पायें लक्ष्य महान,बन जायें बिगड़े काम
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान ।
पढ़ लिख कर योग्य बने हम,मानवता हमराह
अच्छे कर्म से कुछ बन जायें,मन हो सच्ची चाह
ऐसे कार्य करूं जग मे,बढ़ जाये देश का मान
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी,पायें लक्ष्य महान
पायें लक्ष्य महान बढ़ जाये देश का मान
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान ।
मात पिता की सेवा संग हो, गुरूजन का आभार
सज्जनता परिलक्षित हो,मन मे आदर प्यार
सत्य सदा हो संग मे, मिले लोक हृदय सम्मान
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान
पायें लक्ष्य महान मिले लोक हृदय सम्मान
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान ।
ईर्ष्या द्वेष कलुषता मिट जाये,मिट जाये भ्रष्टाचार
कमजोरों को सेवा दें हम,नहीं बने लाचार
नारि सुरक्षा निश्चित हो,हो जाये चरित्र निर्माण
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान
पायें लक्ष्य महान हो जाये चरित्र निर्माण
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान ।
अपने सत्कर्मो से नाम करूं,बढ़ जाये आकार
समस्त बुराई दूर हो मन से,सपने हों साकार
बढकर मान मिले जब हमको,ना होवे अभिमान
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान
पायें लक्ष्य महान ना होवे कोई अभिमान
दे दो दे दो यह वरदान प्रभु जी, पायें लक्ष्य महान ।
—————पंकज पाण्डेय———-