मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
दुःख में मेरे घर भी आए जाए कौन
बाँह पसारे जिनके लिए मैं खड़ी रही
वह सोचे हैं मुझसे प्रीत निभाए कौन
मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
दुःख में मेरे घर भी आए जाए कौन
बाँह पसारे जिनके लिए मैं खड़ी रही
वह सोचे हैं मुझसे प्रीत निभाए कौन