Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jul 2022 · 1 min read

मन की गांठ

अपने मन के बंध जब हमने खोले
आसन कांपे और सिंहासन डोले
तब अंधभक्तों की भीड़ जमा कर
सारे भूदेव एक सुर में यह बोले-
“हमारा धर्म ख़तरे में है!
हमारी संस्कृति ख़तरे में है!!
इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाओ!
इसे यहां से कहीं दूर भगाओ!!”
Shekhar Chandra Mitra
#जातिवादी #बहुजन_शायर #हक़ #caste

Language: Hindi
117 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हादसे इस क़दर हुए
हादसे इस क़दर हुए
हिमांशु Kulshrestha
माँ को फिक्र बेटे की,
माँ को फिक्र बेटे की,
Harminder Kaur
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
नाम बदलें
नाम बदलें
विनोद सिल्ला
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
Deepesh purohit
हायकू
हायकू
Santosh Soni
प्रेम का तोहफा
प्रेम का तोहफा
Rambali Mishra
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
कविता के प्रेरणादायक शब्द ही सन्देश हैं।
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
Neelam Sharma
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
Rituraj shivem verma
अहं के ताज़ को ……………
अहं के ताज़ को ……………
sushil sarna
आशिक़ का किरदार...!!
आशिक़ का किरदार...!!
Ravi Betulwala
*नेता जी के घर मिले, नोटों के अंबार (कुंडलिया)*
*नेता जी के घर मिले, नोटों के अंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सत्संग की ओर
सत्संग की ओर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
.        ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
. ‼️🌹जय श्री कृष्ण🌹‼️
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
महाभारत एक अलग पहलू
महाभारत एक अलग पहलू
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
..
..
*प्रणय*
2876.*पूर्णिका*
2876.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाय
चाय
Rajeev Dutta
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
मस्अला क्या है, ये लड़ाई क्यूँ.?
पंकज परिंदा
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
ओझल तारे हो रहे, अभी हो रही भोर।
surenderpal vaidya
ओ! महानगर
ओ! महानगर
Punam Pande
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
Bindesh kumar jha
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
"संलाप"
Dr. Kishan tandon kranti
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
Dr MusafiR BaithA
।।मैं घड़ी हूं।।
।।मैं घड़ी हूं।।
भगवती पारीक 'मनु'
Loading...