मन की किताब
मन की किताब तेरे मेरे मन के प्यार की यादें हम रखते है
तेरी जिंदगी में मेरी मोहब्बत जो दिल में धड़कते रहते है
मोहब्बत की किताब जो एतबार तेरा हम रखते है
बस जज्बातों में ही मेरी प्रेमिका तेरा नाम रखते है
चाहत की वो की किताब जहाँ तेरे सपनों में खोये खोये रहते है
तेरे खत जो पन्ने एतबार की उम्मीद आज भी हम रखें है
मन की किताब बनी तेरी यादें जो दिल में तेरी रहती है
तेरे इश्क़ की राह मेरे दिल में जो बसी रहती है
नीरज संग शब्दों में मन की किताब के पन्ने प्यार में लिखते है
बस तेरी चाहत के ख्वाब मन में रखते है
मन की किताब भी आँखें तेरे प्यार की हम सोच रखते है
बस तेरी मोहब्बत की तस्वीर एहसासों में बसा रखी है
मन की किताब बस जो तेरे प्यार बातें लिखती है
तेरी आँखों के इशारे हम दिल से समझते है
जिंदगी में बस मन की किताब हम मन में सोचते है
अपना सोचकर तुमको संग बस जीवन कहते है
मन की किताब तेरे प्यार में आज भी लिखते है
तुमको अपने दिल में बसाकर जिंदगी की हकीकत कहते है
मन की किताब जो तेरे प्यार का सच दिल से कहते है
तेरे ख्याल और वादे मन में जो बसते है
मन की किताब में चाहत के शब्दों में आज भी तुम्हें कहते है
आज तेरी चाहत ही बसी दिल में और बस जिंदगी चलती रहती है।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र.