मन की कामना
कर देती पुरा, मन की कामना सारी।
तेरी शरण में जो आए शेरावाली।।
सुना हु महिमा, बचपन से, तेरे बारे में
फ़सी नैया को भी, लगाते किनारे में
तेरा बेटा खुश रहे, तेरी ममता में
मै भी रम जाऊ अब, तेरी भजन के सरिता में
तेरे दरवार में जो लाये झोलि खाली
भर देती सबकी झोली मेहरावली।
कर देती पुरा, मन की कामना सारी
तेरी शरण में जो आए शेरावाली।।
मैं भी दुनियाँ से हार, तेरी शरण आया माँ
इस दुनियाँ में, एक तूही है सहारा माँ
जोभी तेरी चरण का धूल, है लगाता माँ
कष्ट उनकी है, पलभर में मिट जाता माँ
तरी अनुपन दया से, ये टिकी दुनियाँ सारी
तूही जग की जननी, तूही महामाई
कर देती पुरा, मन की कामना सारी।
तेरी शरण में जो आए शेरावाली।।
✍️ बसंत भगवान राय
(धुन: तू जो हंस हंस के सनम)