मन का क्या हैं जान, मन तो एसे ही करता हैं !
ग़मों के समंदर में
डूब जाने का मन करता हैं
कविताओं पर बस तुम्हें
सवारने का मन करता हैं
तुम्हारी तसवीरें को बस
निहारने का मन करता हैं
मन तो करता हैं तुम्हें
किसी के पास जाने ही ना दू
पर मन का क्या हैं जाना
मन तो एसे ही करता हैं !
✍️ The_dk_poetry